electricity bill rates: मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य में बिजली की दरों में सुधार के लिए सरकार ने विद्युत नियामक आयोग को एक नया प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 300 यूनिट से अधिक के स्लैब को समाप्त करने की योजना शामिल है।
वर्तमान बिजली दर व्यवस्था
मध्य प्रदेश में बिजली की दरें विभिन्न उपभोग स्तरों के अनुसार निर्धारित की गई हैं। न्यूनतम खपत यानी 0 से 15 यूनिट तक के लिए 4.27 रुपए प्रति यूनिट का शुल्क लगता है। इसके बाद, 51 से 150 यूनिट तक की खपत पर 5.32 रुपए प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक के लिए 6.61 रुपए प्रति यूनिट, और 300 यूनिट से अधिक की खपत पर 6.80 रुपए प्रति यूनिट की दर लागू होती है।
प्रस्तावित नई व्यवस्था
सरकार ने बिजली दरों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव रखा है। इस नई योजना के तहत, 300 यूनिट से अधिक का स्लैब पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इसकी जगह, 151 से 300 यूनिट वाली श्रेणी का विस्तार किया जाएगा। इस बदलाव से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 19 पैसे की बचत होगी, जो कि एक महत्वपूर्ण राहत है।
आर्थिक लाभ और प्रभाव
इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को कई तरह के आर्थिक लाभ मिलेंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ है प्रति यूनिट 19 पैसे की बचत, जो महीने के अंत में लगभग 70 रुपये तक की कुल बचत में परिवर्तित होगी। यह बचत विशेष रूप से उन उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है जो अधिक बिजली का उपयोग करते हैं।
लाभार्थी वर्ग
यह नई व्यवस्था विशेष रूप से तीन वर्गों को लाभान्वित करेगी – 300 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ता, मध्यम आय वर्ग के परिवार, और छोटे व्यवसायी। इस बदलाव से उन्हें न केवल कम बिजली बिल का लाभ मिलेगा, बल्कि बेहतर बजट प्रबंधन में भी मदद मिलेगी, साथ ही महंगाई से भी कुछ राहत मिलेगी।
पूर्व में किए गए सुधार और भविष्य की योजनाएं
सरकार पहले भी कई महत्वपूर्ण सुधार कर चुकी है, जैसे 500 यूनिट से अधिक के स्लैब को समाप्त करना और बिलिंग प्रणाली में सुधार। भविष्य में, सरकार बिजली वितरण प्रणाली में और सुधार, स्मार्ट मीटरिंग की शुरुआत, और ऑनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठाने की योजना बना रही है।
मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगा। यह सुधार न केवल आम आदमी के बजट में राहत प्रदान करेगा, बल्कि बिजली उपभोग को और अधिक किफायती भी बनाएगा। यह कदम राज्य के समग्र विकास और जनकल्याण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
