Land occupation: बिहार सरकार ने भू-माफिया और दबंगों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन कब्जा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। इस कदम का मुख्य उद्देश्य कमजोर और जरूरतमंद लोगों की जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नए दिशा-निर्देशों का विवरण
राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, अवैध कब्जे के मामलों में पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी होगी। भारतीय दंड संहिता और बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
पुलिस की जवाबदेही का मुद्दा
पुलिस की भूमिका में सुधार
अपर मुख्य सचिव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जमीन विवादों में पुलिस की ओर से अक्सर लापरवाही देखी जाती है। इस स्थिति में सुधार के लिए जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस कार्य योजना
पुलिस विभाग को जमीन विवादों के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, पुलिस को जमीन विवादों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी और पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करनी होगी। साथ ही, दोषियों पर कड़ी निगरानी रखते हुए समयबद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी। यह नई कार्य योजना पुलिस को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाने का प्रयास है।
कानूनी प्रावधानों का सशक्तिकरण
अब जमीन कब्जा के मामलों को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 126 और बीएनएस की धारा 329 का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इन प्रावधानों के तहत दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की जा सकेगी और जमानत के मामले में भी कड़ा रुख अपनाया जाएगा। यह कदम भू-माफिया पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सुरक्षात्मक उपाय
सरकार ने पीड़ितों की सुरक्षा के लिए कई विशेष प्रावधान किए हैं। दोषियों को तीन साल का बांड भरना होगा, जो उन्हें दोबारा अपराध करने से रोकेगा। पीड़ितों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है और धमकी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। यह व्यवस्था कमजोर वर्ग को सुरक्षा का भरोसा देगी।
विवाद समाधान प्रक्रिया
जिला स्तर पर साप्ताहिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें विवादों की समीक्षा और त्वरित समाधान पर ध्यान दिया जाएगा। इन बैठकों में प्रगति की निगरानी और कार्यवाही की समीक्षा की जाएगी। पीड़ितों को त्वरित न्याय, आर्थिक सहायता और कानूनी मदद प्रदान की जाएगी। साथ ही, उनकी सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी।
भविष्य की रणनीति
सरकार ने एक व्यापक दीर्घकालिक रणनीति तैयार की है। इसमें नियमित निगरानी व्यवस्था, प्रभावी कार्यान्वयन और आवधिक समीक्षा शामिल है। जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और भू-माफिया के खिलाफ आवाज उठा सकें।
यह नई पहल बिहार में जमीन कब्जा की समस्या से निपटने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल कमजोर वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि भू-माफिया की गतिविधियों पर भी रोक लगेगी। इस योजना की सफलता के लिए पुलिस और प्रशासन के बीच समन्वय के साथ-साथ जनता का सहयोग भी आवश्यक होगा।